नई दिल्ली। अंतरिक्ष में आए दिन कोई ना कोई विचित्र और रहस्यमयी घटनाएं होती रहती हैं। चाहे ग्रहों की परेड हो या अंतरिक्ष में कोई हलचल, सभी जानकारियां अचंभित करने वाली होती हैं। अब बहुत जल्द अंतरिक्ष में एक अनोखी घटना दस्तक देने वाली है, जो हजारों साल बाद पहली बार देखने को मिलेगी। अंतरिक्ष में एक बेहद चमकीले और दुर्लभ धूमकेतु ने दस्तक दी है। जो सितंबर के अंत या अक्टूबर में अनोखी घटना के रूप में आसमान में नजर आएगा। यह खूबसूरत नजारा 80 हजार साल में पहली बार देखने को मिलेगा। इस धूमकेतु का नाम त्सुचिनशान-एटलस है। इसे कॉमेट सी/2023 ए3 भी कहा जा रहा है। ये 80 हजार साल के बाद धरती के नजदीक आ रहा है। इस धूमकेतु का दीदार दुनिया के हर हिस्से से आसानी से किया जा सकेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, धूमकेतु को देखने के लिए इस बार किसी दूरबीन या टेलिस्कोप की मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे नग्न आंखों से देखा जा सकेगा। हालांकि, धूमकेतु कितना चमकदर होगा ये अभी रहस्य बना हुआ है। वैज्ञानिक ऐसी संभावना जता रहे हैं कि ये आसमान के 20 सबसे चमकीले तारों जितना चमकदार हो सकता है। इसलिए उन्होंने सलाह दी है कि अगर संभव हो तो इस नजारे को देखने के लिए दूरबीन की मदद लें तो ज्यादा बेहतर होगा। धूमकेतु के आने और दिखने को लेकर हमेशा संशय बना रहता है। लेकिन इसके 27 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच दिखने की संभावना है। ये आपको पूर्व-दक्षिणपूर्वी दिशा में सूरज के उगने से ठीक आधे घंटे पहले दिखाई देगा। इसे 29 सितंबर और 30 सितंबर की सुबह देखना सबसे अच्छा रहेगा। यह सुबह के समय खत्म हो रहे अर्ध-चंद्राकर चंद्रमा के साथ दिखाई देगा। उत्तरी गोलार्ध वाले देश जैसे-अमेरिका, भारत में सूर्योदय से करीब 30 मिनट पहले इसे देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि धूमकेतु को पहचानना बेहद आसान होगा। इसे पहचानने का सबसे आसान तरीका इसके पीछे की पूंछ है। क्योंकि तारों के पूंछ नहीं होती, जबकि धूमकेतु के होती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि 2 अक्टूबर के बाद यह सूरज की रोशनी में गुम हो जाएगा। इसके बाद यह दोबारा 12 अक्टूबर को फिर से दिखाई देगा। उस रात यह धरती के सबसे नजदीक होगा। तब यह पश्चिमी दिशा में दिखाई देगा। इसके धरती के नजदीक आने से कोई खतरा नहीं है। बिना दूरबीन के देखा जा पाना इस धूमकेतु को बेहद खास बनाता है।
Arun kumar baranwal