जनप्रवाद ब्यूरो नई दिल्ली। एक अनोखी रिसर्च में वैज्ञानिकों ने ऐसा टेस्ट तैयार किया है जिससे पता चल सकेगा कि इंसान के जीवन के कितने साल बचे हैं। उनका दावा है कि इस तरीके से वे जैविक उम्र पता लगा सकते हैं। एलीसियम हेल्थ कंपनी की कीमत टेस्ट 44 हजार रुपये रखी गई है। हैरानी की बात नहीं है कि बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि उनके जीवन के कितने साल बचे हैं। इसके लिए वे ज्योतिषियों के चक्कर भी लगाने को तैयार रहते हैं। वहीं विज्ञान जहां एक तरफ लोगों कि उम्र बढ़ाने के उपाय पर गहन शोध कर रहा है। ऐसी रिसर्च भी हो रही हैं जिससे इंसान की उम्र तो बढ़े, लेकिन वह कभी बूढ़ा न हो। सवाल उठता है कि क्या साइंस में ऐसा उपाय है जिसेस पता चल सके कि इंसान की कितनी उम्र बची है या वह कितने और साल जिंदा रहेगा? अब नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने केवल लार के जरिए ही इंसान की सही जैविक उम्र पता लगाने वाला टेस्ट ईजाद किया है। नए रिसर्च में दावा किया गया है कि इंसान के जीवन के बचे हुए सालों की सटीक संख्या का अनुमान लगाया जा सकता है। अब जैविक उम्र गणना टेस्ट से कहा जा रहा है कि उनसे यह पता चल सकता है कि इंसान के पास अब कितना समय बचा है। अध्ययन में प्रयोग में लाए गए टेस्ट में से एक में मरीज की कोशिकाओं के टेलोमेरेस को गिना जाता है। टेलोमेरेस डीएनए के सिरे होते हैं। वे तब झड़ जाते हैं जब कोशिका विभाजित होकर अपनी संख्या बढ़ा रही होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसान की उम्र बढ़ने के साथ साथ ही टोलोमेर की लंबाई कम होती जाती है। इसे उम्र के बढ़ने के एक संकेत के तौर पर देखा जाता है। एलीसियम हेल्थ नाम की कंपनी ने ऐसे ही बायोलॉजिकल टेस्ट की कीमत करीब 44 हजार रुपये रखी है। इस टेस्ट में ग्राहक के डीएनए में एक लाख से अधिक मिथाइलेशन पैटर्न की जांच की जाती है। टेस्ट का जो नतीजा आता है उसे इंसान की एपीजेनिटक घड़ी माना जाता है। यानी इसे डीएनए के जैवरासायनिक विश्लेषण के आधार पर उनकी आयु माना जाता है। बता दें कि इस तरह की जांच को पसंद करने वाले कम नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे टेस्ट वैसे तो उम्र के रोकने जैसा काम बिलकुल नहीं करते हैं। इनके नतीजे इंसान का नजरिया जरूर बदल सकते हैं और वह अपने भविष्य की बेहतर प्लानिंग कर सकता है।
Rajneesh kumar tiwari