नई दिल्ली। अब ईरान में भी भारतीय रेल दौड़ेगी। इससे रूस से अफगानिस्तान तक का रास्ता साफ हो जाएगा। वहीं भारत के इस मेगा प्रोजेक्ट से चीन और पाकिस्तान मुंह ताकते रह जाएंगे। साथ चीन के बड़े प्रोजेक्ट को झटका भी लगेगा। भारत और ईरान चाबहार बंदरगाह से जहेदान शहर के बीच नए रेल मार्ग को तेजी से बनाने की योजना बना रहे हैं। इस योजना में सिर्फ ईरान ही नहीं रूस और अफगानिस्तान भी शामिल हो गया है। इस रेलमार्ग से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ईरानी बंदरगाह चाबहार अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के लिए प्रवेश द्वार बन जाएगा। यह कॉरिडोर मध्य एशियाई और यूरेशियाई देशों को व्यापार का मुख्य रास्ता मुहैया कराएगा। बता दें कि यह कैस्पियन सागर के पूर्वी तरफ स्थित हैं। इसमें रूस भी शामिल हैं जो अभी पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचने के लिए इस मार्ग से भारत संग व्यापार करने में लगा है। इस कॉरिडोर के बनने से अफगानिस्तान का भी अरब महासागर से सीधा संपर्क हो जाएगा और उसकी पाकिस्तान के कराची पोर्ट पर से पूरी तरह निर्भरता खत्म हो जाएगी। मौजूदा समय में पाकिस्तान अपनी मनमानी कर रहा है और अफगानिस्तान से उगाही करने में जुटा रहता है। रेलवे लाइन के बारे में भारत और ईरान के अधिकारियों का कहना है कि नए रेल मार्ग को बनाने के लिए काम अब तेज किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस साल चाबहार पोर्ट कई मिलियन टन कार्गो को हैंडल करेगा। साल के पहले दो महीने में ही चाबहार पोर्ट से कई टन सामान का आवागमन हुआ है। रणनीतिक रूप से बेहद अहम भूराजनीतिक स्थान पर स्थित होने की वजह से चाबहार पोर्ट आईएनएसटीसी कॉरिडोर का प्रवेश द्वार बन सकता है। अभी यह ईरानी पोर्ट रोड के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है। ईरानी और भारतीय अधिकारी चाबहार और जाहेदान को जोड़ने के लिए वर्तमान रेलवे नेटवर्क की समीक्षा कर रहे हैं। चाबहार पोर्ट पर ट्रैफिक बढ़ रहा है, ऐसे में रेल और रोड से उसकी कनेक्टिविटी बहुत जरूरी है जिससे सामान को आसानी से और तेजी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाएं। इसी वजह से रेलवे इस प्लान को आगे बढ़ाने पर बात कर रहा है। यह पूरी चाबहार- जाहेदान रेलवे लाइन 700 किमी लंबी होगी। बता दें कि भारतीय रेलवे के ईरान रेलवे कंस्ट्रक्शन के बीच साल 2016 में समझौता होने के बाद भी इस रेल लाइन को लेकर कोई काम आगे नहीं बढ़ पाया है। अब इस रेलवे लाइन पर काम तेजी से हो रहा है। भारत ने चाबहार पोर्ट के विकास में करोड़ों डॉलर का निवेश किया है। भारत ने हाल ही में वहां पर क्रेन भी लगाई हैं ताकि कंटेनर को आसानी से उतारा और चढ़ाया जा सके। चीन और पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट को टक्कर देने के लिए भारत चाबहार को आगे बढ़ा रहा है। इससे भारत का सीधे अफगानिस्तान और रूस तक संपर्क हो गया है। भारत के बाद तालिबान सरकार ने भी ऐलान किया है कि वह चाबहार पोर्ट के पास निवेश करने जा रहा है। यानी इस रेलवे लाइन के जरिए अफगानिस्तान भी अपने सामानों को चाबहार तक तेजी से पहुंचाएगा।
Rajneesh kumar tiwari