नई दिल्ली। अगर कोई आपसे यह कहे कि अब अंतरिक्ष में बिजली बनाकर धरती पर इसकी आपूर्ति की जाएगी तो आप इसका मजाक उड़ाएंगे। लेकिन यह सच है। अब वह दिन दूर नहीं जब अंतरिक्ष की बिजली से धरती रोशन होगी। ब्रिटेन की एक कंपनी बहुत जल्द इसकी शुरुआत करने वाली है। ब्रिटिश कंपनी स्पेस सोलर रेकजाविक एनर्जी ने 2030 तक सैटेलाइट के जरिए पृथ्वी पर बिजली सप्लाई करने की योजना बनाई है। यह कंपनी डिमॉन्स्ट्रेटर सैटेलाइट भेजकर आइसलैंड को बिजली सप्लाई करना चाहती है। कंपनी यदि अपनी इस योजना में कामयाब रही तो यह दुनिया में रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स का पहला मामला होगा। योजना को सफल बनाने के लिए रेकजाविक एनर्जी ने आइसलैंड के सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव ट्रांजिशन लैब्स से साझेदारी की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी अगले छह साल में पहला सैटेलाइट लॉन्च करेगी। जिसके जरिए धरती पर साफ-सुथरी 30 मेगावॉट ऊर्जा की सप्लाई की जाएगी। इतनी बिजली से करीब 3,000 घरों को पर्याप्त रोशनी मिलेगी। सैटेलाइट से हाई-फ्रीक्वेंसी वाली रेडियो वेव्स के रूप में धरती पर ऊर्जा भेजी जाएगी। जमीन पर लगे रिसीविंग एंटेना इस ऊर्जा को इकट्ठा करेंगे और उसे बिजली में बदलकर पावर ग्रिड को सप्लाई करेंगे। जहां से ऊर्जा का वितरण किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, सोलर पैनल्स को मिलाकर यह सैटेलाइट करीब 400 मीटर चौड़ा होगा, जबकि सैटेलाइट का वजन 70 टन के आसपास होगा। यह पृथ्वी की मध्यम कक्षा में ग्रह की परिक्रमा करेगा। यह कक्षा 2,000 और 36,000 किलोमीटर के बीच की ऊंचाई पर एक निकट-अंतरिक्ष क्षेत्र है। कंपनी का लक्ष्य 2036 तक ऐसे छह अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा स्टेशन की फ्लीट तैयार करने का है। जिसके जरिए किसी भी मौसम में 24 घंटे और सातोें दिन धरती पर बिजली सप्लाई की जाएगी। पहले पावर प्लांट को बनाने में 800 मिलियन डॉलर खर्च होने की संभावना है। कंपनी का दावा है कि पृथ्वी पर फोटोवोल्टिक्स और विंड टर्बाइनों के उलट, सैटेलाइट बिजलीघरों में रुक-रुक कर बिजली उत्पादन की समस्या नहीं होगी। ये सैटेलाइट दिन के समय या मौसम की स्थिति की परवाह किए बिना लगातार बिजली का उत्पादन करेंगे। योजना के अनुसार, 30 मेगावाट के हर सोलर फार्म को एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के स्टारशिप मेगारॉकेट द्वारा कक्षा में पहुंचाया जाएगा। बता दें कि ब्रिटिश कंपनी के अलावा, अमेरिका, चीन, जापान समेत कई देश आने वाले समय में ऐसी क्षमता विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।
Arun kumar baranwal