नई दिल्ली। एक बार फिर दुनिया में 2500 साल जैसा शक्तिशाली भूकंप आ सकता है। यह भूकंप इतना खतरनाक था कि कई नदियों का मार्ग बदल गया था। साथ ही कई देशों का नक्शा इधर से उधर हो गया था। नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित नए अध्ययन में बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अनुसार 2,500 साल पहले एक शक्तिशाली भूकंप आया था। इसकी तीव्रता 7 और 8 के बीच थी। इसमें गंगा नदी के रास्ते को अचानक बदल दिया था। बता दें कि यह घटना ऐतिहासिक दस्तावेजों में दर्ज नहीं है लेकिन हाल ही में शोधकर्ताओं को ऐसे सुबूत मिले हैं। इससे 14 करोड़ लोग प्रभावित हुए होंगे। अमेरिकी शोधकर्ताओं की एक टीम ने 2018 में गंगा नदी के मुख्य मार्ग के क्षेत्र की खोज करते हुए बांग्लादेश में भूकंप के परिणामस्वरूप बनी आकृतियों को देखा। उनके अनुसार एक ही समय में कई ऐसी आकृतियां बनी थीं। यहां की रेत और कीचड़ के रासायनिक विश्लेषण के बाद वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है। टीम के शोधकर्ता स्टेकलर ने बताया कि यह भूकंप बेहद तीव्र था। यह आसानी से किसी को भी और किसी भी चीज को गलत समय पर गलत जगह पर पहुंचा सकता था। नीदरलैंड के वैगनिंगन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और मुख्य लेखक एलिजावेथ एल. चेम्बरलेन के अनुसार यह अध्ययन गंगा जैसी विशाल नदी के डेल्टा में उन्मूलन का पहला पुख्ता उदाहरण है। शोध दल ने उपग्रह की तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए बांग्लादेश की राजधानी ढाका से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण में गंगा नदी के पूर्व मुख्य मार्ग की खोज की। यह लगभग 1.5 किलोमीटर चौड़ा एक निचला इलाका है। लेखकों ने बताया कि दक्षिण और पूर्व में एक सबडक्शन क्षेत्र है। यहां समुद्री परत की एक विशाल प्लेट बांग्लादेश, म्यांमार और पूर्वोत्तर भारत के नीचे खुद को धकेल रही है। दूसरी संभावना यह है कि भूकंपीय झटका उत्तर में हिमालय की तलहटी में आया हुआ होगा। जो धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं क्योंकि भारतीय उपमहाद्वीप धीरे-धीरे शेष एशिया से टकरा रहा है। बता दें कि एशिया में 18 दिसंबर 2023 की सुबह साढ़े 11 बजे के पास 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद लद्दाख के जंस्कार में पौने चार बजे 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। चार बजे किश्तवाड़ में 4.8 पैमाने का दूसरा भूकंप आया था। वहीं चीन में 6.2 रिक्टर पैमाने का भूकंप आया था। इससे चीन में 118 लोगों की जान चली गई थी। 580 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। 6381 से ज्यादा घर टूट गए या क्षतिग्रस्त हो गए थे। चीन में 6.2 तीव्रता के भूकंप के बाद 32 और झटके आए थे। 24 घंटे में तीनों देशों में भूकंप आया। तीनों देशों में भूकंप का केंद्र हिमालय या उसके आसपास था। इसी तरह मार्च में अफगानिस्तान में आए 6.6 तीव्रता के भूकंप के बाद पूरा दक्षिण एशिया कांप गया था। भूकंप के झटके तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान में महससू किए गए। इसके अलावा चीन, अफगानिस्तान और किर्गिस्तान में भी भूकंप का प्रभाव दिखा। इस बारे में देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालयन जियोलॉजी के साइंटिस्ट ने चेतावनी दी थी कि हिमालय में किसी भी समय बड़ा भूकंप आ सकता है। इसी तरह अमेरिका के पश्चिमी तट पर समंदर के अंदर एक फॉल्ट लाइन है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि ये फॉल्ट लाइन किसी भी दिन भयानक भूकंप और सुनामी ला सकता है। यह फॉल्ट लाइन 600 मील यानी करीब 966 किलोमीटर लंबी है। यह दक्षिणी कनाडा से उत्तरी कैलिफोर्निया तक फैली है। आमतौर पर फॉल्ट लाइन दो हिस्सों में बंटी हुई होती है। यहां फॉल्ट लाइन चार टुकड़ों में बंट रही है। यह एक बड़े खतरे की निशानी है।
Rajneesh kumar tiwari