जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। धरती को अब एक नहीं बल्कि दो चांद मिलने वाले हैं। दोनों ही चांद आसमान में चमकते नजर आएंगे। इस मून के आगमन से पहले वैज्ञानिकों में तहलका मच गया है। यहां जानना दिलचस्प हो जाता है कि आखिर नया चांद कैसे बन जाएगा। इसका हमारी धरती पर क्या असर पड़ेगा। हमारा ब्रह्मांड रहस्यों से भरा पड़ा है। खासकर हमारे अंतरिक्ष में तो रहस्यों की भरमार है। अंतरिक्ष में हर रोज कुछ नया होता रहता है। इस कड़ी में तारों का टूटना, आकाशगंगा में बदलाव जैसे कई घटनाएं होती रहती हैं। वहीं यह बात भी पूरी दुनिया को पता है कि आसमान में सिर्फ एक चांद चमकता है। अब जल्द ही दुनिया को एक नहीं बल्कि दो चांद दिखाई देने वाले हैं। 29 सितंबर के बाद, रात का नजारा बिल्कुल बदल जाएगा। अमेरिकन एस्ट्रोनामिकल सोसाइटी के अनुसार हमारी रातें दो चांदों से जगमगा हो उठेंगी। हम जिस चांद की बात कर रहे हैं उसे मिनी मून भी कहा जा रहा है। असल में अमेरिकन एस्ट्रोनामिकल सोसाइटी के अनुसार धरती को जल्द ही एक नया मेहमान मिलने वाला है। एक छोटा सा उल्कापिंड 29 सितंबर से 25 नवंबर तक हमारी धरती का चक्कर लगाएगा। इसे वैज्ञानिक भाषा में एस्टेरायड 2024 पीटी-5 कहते हैं। इस उल्कापिंड को ही मिनी मून कहा जा रहा है। जब यह पृथ्वी की कक्षा में आएगा तो चांद की तरह ही सूर्य की रोशनी से चमकने लगेगा। इस स्थिति के कारण ही आसमान में दो चांद नजर आएंगे। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक इस एस्टेरायड का व्यास लगभग दस मीटर है। 29 सितंबर से 25 नवंबर तक यह धरती के गुरुत्वाकर्षण में रहेगा। इस दो महीने की अवधि के दौरान एस्टेरायड धरती का चक्कर लगाएगा। यह धरती की एक परिक्रमा नहीं कर पाएगा। 25 नवंबर 2024 के बाद यह धरती के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकल जाएगा। यह क्षुद्रग्रह बहुत छोटा है, इसलिए हम इसे अपनी आंखों से नहीं देख पाएंगे। हमें इसे देखने के लिए बड़ी दूरबीनों की जरूरत होगी। वैज्ञानिकों के पास ऐसी दूरबीनें हैं जिससे वे ऐसी घटनाओं को देखकर उनका डेटा एकत्रित करते हैं। वैसे भी यह पहली बार नहीं हो रहा है। कुछ साल पहले भी ऐसा ही एक छोटा सा क्षुद्रग्रह धरती के पास से गुजरा था, उसे भी मिनी मून कहा गया था।
Rajneesh kumar tiwari