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- दुनिया के सबसे एडवांस और हमलावर ड्रोन से उठा पर्दा
July 12, 2024
जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के सबसे एडवांस और हमलावर ड्रोन का आखिरकार रूस ने प्रोडक्शन शुरू कर दिया। रूस ने छठी पीढ़ी के स्टेल्थ ड्रोन एस-70 ओखोटनिक-बी की पहली तस्वीर दिखाई है। ऐसे में यहां इस कमाल के ड्रोन की ताकत के बारे में जानना दिलचस्प हो जाता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन के देश ने अपने सबसे एडवांस ड्रोन की पहली झलक दिखा दी। इसका नाम सुखोई एस-70 ओखोटनिक हंटर है। दुनिया के सबसे एडवांस और खतरनाक इस ड्रोन की चर्चा पिछले एक दशक से हो रही थी। बता दें कि 2017 से इसके बनने और डिजाइन को लेकर चर्चा होती आ रही है। अब इसका प्रोडक्शन शुरू हो चुका है। इसे सुखोई और रूसी एयरक्राफ्ट कॉपोर्रेशन मिग ने मिलकर बनाया है। कहा गया कि रूस गुपचुप तरीके से इसे डेवलप कर रहा है। यह छठी पीढ़ी का यूएवी है। बता दें कि मानवरहित हमलावर ड्रोन्स की दुनिया में यह एक नया कदम है। अगर ताकत की बात करें तो यह ड्रोन 250 औ 500 कैलिबर के बम को ले जा सकता है। यह 1000 किलोग्राम के गाइडेड और अनगाइडेड बमों को लेकर उड़ान भर सकता है। इसके अलावा हवा से सतह और हवा से हवा में मार करने मिसाइलों से लैस है। इस ड्रोन में मिकोयान स्कैट ड्रोन और एसयू-57 फाइटर जेट की तकनीकों का मिश्रण है। यह एक हैवी काम्बैट ड्रोन है। यह पांचवीं पीढ़ी के एसयू-57 फाइटर जेट के साथ मिलकर दुश्मन के इलाके में हमला करने में सक्षम है। इसमें लंबी दूरी के हथियार लगाकर दुश्मन के एयर डिफेंस को खत्म किया जा सकता है। इस ड्रोन का विंगस्पैन करीब 65 फीट का है। बिना हथियारों के इसका वजन 20 हजार किलोग्राम है। हथियार लगाकर उड़ान भरते समय इसका वजन 25 हजार किलोग्राम हो जाता है। इसकी अधिकतम गति 1000 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इस ड्रोन की रेंज शानदार है। यह एक बार में 6000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकात है। इस ड्रोन की काम्बैटर रेंज यानी हथियार लेकर जंग में उड़ान भरने की रेंज 3000 किलोमीटर है। इसमें दो इंटरनल वेपन बे लगे हैं। यानी उड़ान के समय इस ड्रोन के नीचे आपको एक भी हथियार शायद न दिखाई दे। इसका पेट खुल जाता है। जिससे 2000 किलोग्राम के गाइडेड या अनगाइडेड हथियार गिराए जा सकते हैं। इस ड्रोन को किसी फाइटर एयरक्राफ्ट की तरह ही रनवे से लांच किया जाएगा। इसमें एडवांस आटोपायलट सिस्टम लगा है। जिससे पायलट की जरूरत खत्म हो जाती है। इस ड्रोन में एक इंटरनल पेलोड बे भी लगाया गया है। इसका इस्तेमाल कई तरह के घातक हथियारों को ड्रोन के अंदर छिपाने के लिए किया जाता है। इंटरनल बे में हथियारों को रखने से दुश्मन के रडार इसकी पहचान नहीं कर पाते हैं। इससे स्टील्थ कैपिसिटी में भी इजाफा होता है। इस ड्रोन ने पहली बार 2019 में उड़ान भरी थी। तब से इस विमान की डिजाइन और डेवलपमेंट के के बारे में सीमित विवरण ही जारी किए गए हैं। इस ड्रोन के इंजन से निकलने वाली गर्मी को कम करने के लिए एक्जास्ट को अलग तरीके से डिजाइन किया गया है।
Rajneesh kumar tiwari