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- तेजस और राफेल फाइटर जेट में लगाई जाएगी रूद्रम-1 मिसाइलें
June 27, 2024
नई दिल्ली। दुश्मनों को धुएं में उड़ाने के लिए इंडियन आर्मी ने बड़े प्लान पर काम शुरू कर दिया है। इस मिशन के तहत तेजस और राफेल फाइटर जेट में रुद्रम-1 मिसाइलों को सेट किया जाएगा। इससे काफी दूर से ही दुश्मनों को टारगेट कर ध्वस्त किया जा सकेगा। भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट्स राफेल और तेजस एमके-1ए में रुद्रम-1 मिसाइल जोड़ने की योजना बना रहा है। बता दें कि रुद्रम-1 नई जेनरेशन की एंटी-रेडिएशन मिसाइल है। इसे हवा से सतह पर मार करने के लिए बनाया गया है। इस मिसाइल के जुड़ने से भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि रूद्रम हाइपरसोनिक मिसाइल भी है। यह 600 किलोग्राम वजनी है। इस मिसाइल की लंबाई 18 फीट है। इसमें 55 किलोग्राम वजनी प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है। वहीं रुद्रम-1 मिसाइल की रेंज 150 किलोमीटर है। राफेल या तेजस फाइटर जेट से दागने पर इसकी क्षमता अचूक हो जाएगी। हाइपरसोनिक मिसाइल होने के कारण यह इतनी तेजी से दुश्मन पर वार करेगी कि उसे संभलने या सोचने का मौका नहीं मिलेगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मिसाइल लॉन्च होने वाली जगह से और ऊपर जा सकती है। यानी एक किलोमीटर से लेकर 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है। रुद्रम-1 मिसाइल को राफेल और तेजस के बाद अन्य विमानों में भी सेट करने की योजना है। इसमें तेजस एमके-2, एएमसीए फाइटर जेट्स में भी लगाने का प्लान है। इसी तरह मिराज और सुखोई में भी इस मिसाइल को सेट किया जा सकता है। बता दें कि तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर लगाया गया है। यानी कंप्यूटर विमान को उड़ाते समय पायलट के मुताबिक संतुलित रखता है। इस सिस्टम से राडार, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है। फ्लाई बाय वायर फाइटर जेट को को सुरक्षित बनाता है। तेजस एमके-1ए में लगे स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले और रडार इस मिसाइल को सटीक जगह में दागने में मदद करेंगे। इसके अलावा तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसमें कुल मिलाकर 9 हार्ड प्वाइंट्स हैं। साथ ही 23 मिलिमीटर की ट्विन-बैरल कैनन लगी है। हार्डप्वाइंट्स में 9 अलग-अलग तरह की रॉकेट्स और मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इन्हीं हार्डप्वाइंट्स में रूद्रम मिसाइल को सेट करने का प्लान है। राफेल में रूद्रम को सेट करने यह कितनी मारक होगी इसके समझने के लिए हमें राफेल की ताकत को जानना जरूरी है। बता दें कि राफेल बेहतरीन फाइटर जेट है। भारतीय वायुसेना में इस समय 36 राफेल फाइटर जेट्स हैं। इसे एक या दो पायलट उड़ाते हैं। इसकी अधिकतम गति 1912 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं इसकी कॉम्बैट रेंज 1850 किलोमीटर है। इसकी आॅपरेशनल रेंज 3700 किलोमीटर है। यह अधिकतम 51,952 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। यह एक सेकेंड में 305 मीटर की सीधी उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें 30 मिमी की आॅटोकैनन लगी है, जो 125 राउंड प्रति मिनट दागती है। इसके अलावा इसमें 14 हार्डप्वाइंट्स हैं। इसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, एयर-टू-सरफेस मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इसके अलावा न्यूक्लियर मिसाइल और कई तरह के बमों को भी तैनात किया जा सकता है। 14 हार्डप्वाइंट्स होने की वजह से रूद्रम मिसाइल के लिए राफेल का चुनाव किया गया है।
Rajneesh kumar tiwari