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- एलियन की सच्चाई आएगी दुनिया के सामने, वैज्ञानिकों ने किया दावा
July 16, 2024
नई दिल्ली। एलियन हैं या नहीं, इस सवाल का जवाब ढूढ़ने की कोशिश में वैज्ञानिक दशकों से लगे हुए हैं। इसमें उन्हें अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। लेकिन, अब वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे जल्द ही एलियन की सच्चाई दुनिया के सामने आएगी। एलियन को लेकर अक्सर खबरें सामने आती रहती हैं। जिसमें एलियन और उनके स्पेसशिप देखे जाने का दावा किया जाता रहा है। लेकिन, सच्चाई यह है कि आज तक धरती पर किसी ने एलियन से संपर्क स्थापित नहीं किया है। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने सुदूर अंतरिक्ष में एलियन की खोज के लिए प्रोजेक्ट ब्रेकथ्रू लिसेन शुरू किया है। चिली में वेरा रुबिन वेधशाला पर तेजी से काम हो रहा है, जो आगे चलकर दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा होगा। यह अंतरिक्ष की हर चीज पर नजर रखेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि नई तकनीकों के इस्तेमाल से एलियन सभ्यताओं की खोज की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। उनका मानना है कि नई तकनीकों से एलियन की खोज एक नए युग में प्रवेश कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकों को लेकर वैज्ञानिकों के समूह के वार्षिक सम्मेलन में चर्चा होगी। सम्मेलन इसी सप्ताह ब्रिटेन में आक्सफोर्ड में आयोजित किया जाएगा। इसमें खगोलविदों से लेकर प्राणीविदों तक कई सौ वैज्ञानिकों के भाग लेने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों की टीम चिली में वेरा रुबिन वेधशाला तैयार कर रही है, जो दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा होगा। दावा किया जा रहा है कि यह कैमरा हर तीन या चार रातों में पूरे आकाश की तस्वीर बनाने में सक्षम होगा, जिससे लाखों नई आकाशगंगाओं और सितारों की खोज में मदद मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में कई अत्याधुनिक उपकरण तैयार किया जा रहा है। जिसमें सैकड़ों रेडियो दूरबीनों से बना ‘स्क्वायर किलोमीटर ऐरे’ शामिल है। वैज्ञानिकों का दावा है कि अगले कुछ वर्षों में तकनीकों के जरिए आकाश का अवलोकन शुरू हो जाएगा। ये तकनीक ब्रेकथ्रू लिसन के लिए डेटा प्रदान करेंगी। इन विशाल सूचना समूहों के अध्ययन के लिए एआई का इस्तेमाल एलियन सभ्यताओं की खोज को अतिरिक्त शक्ति देगा। वैज्ञानिकों के अनुसार, अभी तक वे एलियंस द्वारा भेजे गए संकेतों की तलाश करने तक ही सीमित थे। नई तकनीकें इतनी संवेदनशील होगी जो अनजाने में एलियन द्वारा किए गए प्रसारणों का पता लगाने में सक्षम होगी।
Arun kumar baranwal