July 29, 2024
जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। एक ओर जहां भारत 2047 तक विकसित होने का खाक बना रहा है। वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान चीन का कर्च चुकाने में तबाह हो रहा है। नीति आयोग ने विकसित भारत खाका तैयार कर लिया है। इससे भारतीयों की आय में 8 गुना की बढ़ोत्तरी होगी। वहीं पाकिस्तान की सरकार चीन के आगे कर्ज में राहत देने के लिए गिड़गिड़ा रही है। मोदी सरकार ने देश की आजादी के 100 साल पूरे होने तक भारत को विकसित देशों की कतार में खड़े करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। अब सरकारी थिंकटैंक नीति आयोग ने देश को विकसित बनाने के लिए विजन फोर विकसित भारत 2047 ऐन अप्रोच का खाका प्रस्तुत किया है। आयोग ने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए अर्थव्यवस्था को मौजूदा स्तर से 9 गुना वृद्धि करने की जरूरत है। इसी तरह प्रति व्यक्ति आय को सालाना 2,392 डालर के स्तर से 8 गुना बढ़ाना होगा। विकसित भारत बनाने के लिए हमें 2047 तक 30 ट्रिलियन डालर की इकोनॉमी बनना होगा। साथ ही प्रति व्यक्ति आय को 18 हजार डालर सालाना के स्तर तक ले जाना होगा। आर्थिक जानकारों का कहना है कि 2047 तक विकसित बनने का लक्ष्य पाना इतना आसान नहीं है। इसके लिए भारत को मिडल-इनकम ट्रैप में फंसने से बचाना होगा। वहीं उच्च-आय वाला देश बनने के लिए भारत को अगले 20-30 सालों तक 7 से 10 फीसदी की दर से आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बरकरार रखने की जरूरत होगी। अभी तक दुनिया में गिने-चुने देश ही ऐसी रफ्तार लंबे समय तक बरकरार रख पाए हैं। इन चिंताओं के बारे में नीति आयोग का कहना है कि भारत में इस लक्ष्य को हासिल करने की क्षमता है। देश को मैन्युफैक्चरिंग और लाजिस्टिक्स में क्षमता को बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा। भारत को ग्रामीण और शहरी आय की खाई को पाटने का प्रयास तेज किया जाएगा। ऐसी संरचनात्मक विकसित की जाएगी जिससे भारत भी विकसित देशों की कतार में शामिल हो जाएगा। दूसरी ओर पाकिस्तान का आर्थिक संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कर्जों पर चल रही है। जिन देशों से पाकिस्तान ने कर्जे लिए हैं उन्हें वह वापस भी नहीं कर पा रहा है। चीन के सामने पाकिस्तान इन कर्जों को लौटाने में राहत देने की मांग कर रहा है। राहत मांगने के लिए पाकिस्तानी वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब चीन पहुंचे हैं। पीपुल्स बैंक आॅफ चाइना के एक बयान के अनुसार वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने चीन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर पैन गोंगशेंग से मुलाकात की। साथ ही द्विपक्षीय वित्त सहयोग पर विचारों का आदान प्रदान किया। डान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ बैंकर ने कहा कि हमारा मानना है कि चीन ऋणों को पुनर्निर्धारित करने के पाकिस्तान के अनुरोध को सिरे से खारिज नहीं करेगा लेकिन अंतिम परिणाम निराशाजनक प्रतीत होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन पाकिस्तान से नाराज चल रहा है। बैंकर ने कहा कि चीन शुरू से इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहता है। यह ऋण संबंधी चीन की असहमति को दिखाता है। बता दें कि चीन वर्षों से पाकिस्तान का सबसे बड़ा विदेशी निवेशक रहा है। अब चीन के निवेश में गिरावट देखी गई है। बता दें कि 2018 में चीन ने पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए 2 बिलियन डॉलर का लोन दिया था। इस साल मार्च में इसे वापस लौटाना था लेकिन पाकिस्तान कर्ज वापस नहीं लौटा पाया। अब चीन इस कर्ज की वसूली करना चाहता है।
Rajneesh kumar tiwari