नई दिल्ली। भारत की नई वृद्धि दर ने सभी अर्थशास्त्रियों को चौंका दिया है। इसका प्रभाव है कि अडानी ग्रुप से हिंडनबर्ग रिसर्च नाम का भूत लगभग उतर गया है। इससे अमीरों की लिस्ट में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। गौतम अडानी अब एशिया के सबसे बड़े रईस बन गए हैं। उन्होंनें रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ दिया है। अडानी एंटरप्राइजेज की नेटवर्थ में 5.45 अरब डॉलर की तेजी आई। इसके साथ ही उनकी नेटवर्थ 111 अरब डॉलर पहुंच गई है। वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 11वें और एशिया में पहले नंबर पर पहुंच गए हैं। दूसरी ओर मुकेश अंबानी 109 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 12वें और एशिया में दूसरे नंबर पर हैं। अडानी शुक्रवार को सबसे ज्यादा कमाई करने वाले अरबपति रहे। इस साल उनकी नेटवर्थ में 26.8 अरब डॉलर की तेजी आई है। बता दें कि पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट आई थी। इस रिपोर्ट को देश के खिलाफ साजिश बताया गया था। साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि विदेशी पोर्ट में भारत के दबदबे को खत्म करने और चीन को बढ़ावा देने के लिए यह साजिश रची गई। अब अडानी ग्रुप ने काफी हद तक इस नुकसान से भरपाई कर ली है। अडानी ग्रुप के शेयरों में हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को काफी तेजी रही। कारोबार के दौरान इनमें 14 फीसदी तक तेजी आई। ग्रुप की होल्डिंग कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर सात फीसदी तेजी के साथ 3416.75 रुपये पर बंद हुआ। अडानी पोर्ट्स का शेयर भी चार फीसदी तेजी के साथ 1,440 रुपये पर बंद हुआ। अडानी पावर में कारोबार के दौरान 14 फीसदी तेजी रही और यह अंत में नौ फीसदी तेजी के साथ 759.80 रुपये पर बंद हुआ। इसी तरह अडानी टोटल गैस का शेयर भी नौ फीसदी की तेजी के साथ 1,044.50 रुपये पर पहुंच गया। अडानी विल्मर में तीन फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी तथा अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में दो फीसदी तेजी रही। एनडीटीवी में आठ फीसदी, अंबूजा सीमेंट और एसीसी में दो फीसदी तेजी रही। अडानी को इतने बड़े संकट से मुक्ति मिलने का कारण भारतीय अर्थव्यवस्था का दम दम है। आंकड़ों के मुताबिक, चारों तिमाही मिलाकर वित्त वर्ष 2024 में देश की जीडीपी 8.2 फीसदी बढ़ी है। जबकि ब्लूमबर्ग समेत अन्य रेटिंग एजेंसियों ने 7.9 फीसदी का अनुमान जताया था। बता दें कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार रॉकेट के तरह भाग रही है। भारत तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की रेस में है। इस रेस को और ज्यादा बल तब मिला, जब नेशनल स्टेटिकल आॅफिस यानी एनएसओ ने आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी रही। यह आंकड़े इसलिए भी उत्साहजनक हैं क्योंकि ब्लूमबर्ग समेत अन्य एजेंसियों के अर्थशास्त्रियों ने इस अवधि के लिए 7 फीसदी का अनुमान जताया था। भारत की नई वृद्धि दर ने ने सबको चौंका दिया। वहीं पूरे वित्त वर्ष में भी देश ने काफी तेज ग्रोथ की है। आंकड़ों के मुताबिक, ग्रॉस वैल्यू एडेड ग्रोथ भी अनुमान से बेहतर रही है। यह ग्रोथ 6.3 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं कई एजेंसियों के अर्थशास्त्रियों ने दर 6.2% प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान जताया था। पिछली तिमाही में ये आंकड़ा 6.8% रहा था।
Rajneesh kumar tiwari