नई दिल्ली। इस बार गर्मी ने पिछले 123 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि मई में भी जल्द राहत नहीं मिलने वाली है। अभी 11 दिनों तक लू की संभावना जताई गई है। वहीं डॉक्टरों का मानना है गर्मी में लापरवाही के गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। हीट वेव से लिवर और किडनी तक डैमेज हो सकती है।
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जल्द गर्मी से नहीं मिलेगी राहत
मौमस विभाग के अनुसार 123 साल के बाद अप्रैल में दक्षिण भारत का तापमान बढ़ा है। इस साल अप्रैल का महीना सबसे गर्म रहा। 1901 के बाद से पहली बार ऐसा हुआ कि देश के अधिकतर भागों में अप्रैल में सबसे अधिक दिनों तक लू चली। मई में भी प्रचंड गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है। इस महीने देश के ज्यादातर क्षेत्रों में पारा और चढ़ेगा। अगने 11 दिनों तक लू चलेगी। मौसम विभाग ने कहा कि मई में देश के अधिकांश हिस्से में तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहने की संभावना है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, राजस्थान में 11 दिनों तक लू का प्रभाव रहेगा। वहीं झारखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तेलंगाना में 5 से 7 दिनों तक हीटवेब चल सकती है। तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा, असम और त्रिपुरा में उमस भरी गर्मी का अनुमान है। मौसम विभाग के मुखिया मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अप्रैल के गर्म रहने के पीछे बंगाल की खाड़ी और निचले स्तर पर बना एंटीसाइक्लोन जिम्मेदार रहा है। उन्होंने बताया कि इस 2016 के बाद ओडिशा में पहली बार अप्रैल के महीने में सबसे अधिक 16 दिनों तक लू चली।
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डॉक्टरों ने दी चेतावनी
भीषण गर्मी को लेकर डॉक्टरों ने भी चेतावनी दी है। जैसा कि हम देख रहे हैं कि मई की शुरूआत में ही इतनी भीषण गर्मी पड़ने से लोगों का हाल बेहाल है। अगर लोग काफी देर तक पानी न पिएं तो ऐसा महसूस होता है कि शरीर में एनर्जी ही नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे हालात में शरीर के भीतर धीरे-धीरे डिहाइड्रेटेड होने लगता है। इससे शरीर के आॅर्गन का डैमेज होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी वजह से जान भी जा सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि जब शरीर में पानी की कमी होती है तो पानी के साथ-साथ इसमें पाई जाने वाली जरूरी मिनरल और विटामिन की भी कमी होने लगती है। बॉडी के आॅर्गन जैसे किडनी, लंग्स और हार्ट डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। डिहाइड्रेशन के कारण किडनी पर स्ट्रेस का लोड बढ़ने लगता है। यह किडनी के डैमेज होने का कारण बन जाता है। जिन लोगों को किडनी में स्टोन की शिकायत है उनके स्टोन हीट वेव के कारण बड़े हो सकते हैं। वहीं बॉडी के टेंपरेचर को रेग्युलेट करने के लिए शरीर में ब्लड के पंप करने के लिए दिल पर ज्यादा जोर पड़ता है। इस वजह से दिल पर बुरा असर पड़ता है। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि अगर हवा में ज्यादा पॉल्यूशन है साथ ही गर्मी बढ़ी हुई है तो अस्थमा के मरीज के लिए यह जानलेवा बन सकता है। गर्मी का बुरा असर पाचन शक्ति पर भी पड़ता है। गर्मी के कारण पेट गर्म हो जाता ह। इससे पूरा डाइजेस्टिव सिस्टम खराब होने लगता है। डॉक्टरों ने कहा गर्मी से बचने के लिए जब भी बाहर निकले तो शरीर में पानी की कमी न होने दें। यानि भरपूर मात्रा में पानी पिएं। शराब तो बिल्कुल नहीं पीनी चाहिए। इससे बॉडी डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है। वहीं बाहर निकले तो हल्के, ढीले और कॉटन के कपड़े पहनें।
Rajneesh kumar tiwari