जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। एक एस्टेरायड धरती की ओर तेजी से आ रहा है। वैज्ञानिकों के लिए चिंता की बात यह है कि उसने रास्ता बदल लिया है। छुद्रगह के रास्ता बदलने से वैज्ञानिक टेंशन में आ गए हैं। अब एक्सपर्ट ने इसको लेकर चेतावनी दी है। धरती के लिए नासा से टेंशन भरी खबर सामने आई है। पृथ्वी से एक खतरनाक क्षुद्रग्रह की टक्कर की आशंका वैज्ञानिकों ने जताई है। इस एस्टेरायड को पृथ्वी के लिए खतरा पैदा करने वाले संभावित खतरनाक एस्टेरायड की लिस्ट में सबसे टाप पर रखा गया है। खतरे का कारण वैज्ञानिकों के भीमकाय एस्टेरायड के बारे में पहले से बनाई अपनी राय में बदलाव है। बता दें कि 99942 अपोफीस नामक एस्टेरायड के बारे में पहले कहा गया था कि इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना बेहद कम है। अब कनाडाई एस्ट्रोनामर पाली वीगर्ट ने अपने नए अध्ययन में बताया कि अंतरिक्ष में एक छोटी सी टक्कर भी एस्टेरायड की दिशा में बड़ा बदलाव कर सकती है। द प्लेनटरी साइंस जर्नल में छपी हालिया स्टडी कहती है कि ऐसी घटना घटित होने और एस्टेरायड के पृथ्वी की ओर आने के रास्ते में बदलाव होने की संभावना है। वीगर्ट के अनुसार इसके रास्ता बदलने में बहुत कम समय लगेगा। 3.4 मीटर आकार की एक छोटी वस्तु भी इसकी गति को बढ़ा देगी। 99942 अपोफिस को अराजकता के देवता भी कहा जाता है। इसे यह नाम प्राचीन मिस्र की पौराणिक कथाओं में वर्णित राक्षस सांप से मिला है। यह एस्टेरायड को पहली बार 2004 में खोजा गया था। यह 1,210 फीट चौड़ा पृथ्वी के निकट क्षुद्रग्रह है। यह विशाल अंतरिक्ष चट्टान हर 7,500 साल में एक बार पृथ्वी के पास आती है। इसके 13 अप्रैल, 2029 को हमारे ग्रह के पास से गुजरने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स ने शुरू में इस बात से इंकार किया था कि यह इस तारीख पर यह पृथ्वी से टकराएगा। अब पुराने अध्ययन में बदलाव हो चुका है। इस क्षुद्रगह के पृथ्वी से टकराने की एक प्रमुख वजह बताते हुए वीगर्ट कहते हैं कि मई 2021 से अपोफिस पर दूरबीनों के जरिए बड़े पैमाने पर निगरानी नहीं रखी गई है। पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति के कारण 2027 तक यह इसी गति से चलता रहेगा। जैसे-जैसे यह पृथ्वी की ओर आएगा इसकी गति में बदलाव देखा जाएगा। यह गति ही खतरनाक स्थिति पैदा करेगी। वहीं नए अध्ययन के बाद दुनियाभर के वैज्ञानिक इस ग्रह पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं। वैज्ञानिक यह रास्ता तलाश करने में जुट गए हैं कि कैसे इसे अंतरिक्ष में ही नष्ट किया जा सके। नासा के एस्टेरायड वाच के मुताबिक इसका अनुमानित व्यास लगभग 49.29 मीटर है। यानी उसका आकार एक ओलिंपिक स्विमिंग पूल के बराबर है। फिलहाल शोधकर्ता अभी भी डेटा इकट्ठा कर रहे हैं, जो आशंकाओं को बदल सकता है। बता दें कि किसी भी उल्कापिंड का पृथ्वी से टकराना खतरनाक होता है। इससे पहले भी कई बार ये धरती पर तबाही ला चुके हैं।
Rajneesh kumar tiwari