जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों की एक खोज ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। उन्हें हमारे सौरमंडल के बाहर एक अनूठी सुरंग मिली है। यह दूसरी दुनिया में जाने का दरवाजा हो सकता है। हैरानी वाली बात यह है कि गैलेक्सी की इस बड़ी सी गुफा में सौरमंडल मौजूद है। बताया जा रहा है कि यह एक अंतरतारकीय सुरंग है। दूसरी दुनिया के बारे में अक्सर बातें कही और सुनी जाती हैं। कई बार इन्हें फिल्मी परदों पर भी दर्शाया गया है। इनमें से ज्यादातर पृथ्वी पर ऐसी जगह के बारे में दिखाया गया है जिसमें दरवाजा खुलने पर कुछ अजीब सी चीजें देखने को मिलती है। जिससे लगता है कि हम किसी दूसरी ही दुनिया में आ गए हैं। अब वैज्ञानिकों की नई खोज ने दूसरी दुनिया की परिकल्पना को बल दिया है। नए शोध में पाया गया है कि हमारा सौरमंडल असल में एक गर्म गुफा के अंदर है। उसी गुफा में कुछ हिस्से बेहद अलग तरह हैं। यह सुंरग गैलेक्सी के दूसरे हिस्सों को जोड़ने का काम भी कर सकती है। यानी वे हमारे लिए दूसरी दुनिया का दरवाजा बन सकती हैं। मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल फिजिक्स के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एलएचबी के अंदर कुछ आश्चर्यजनक पाया। खगोल भौतिकीविद् माइकल येउंग, माइकल फ्रेबर्ग और उनकी टीम के सदस्यों ने सेंटॉरस की ओर एक अंतरतारकीय सुरंग की उपस्थिति की खोज की। यह अध्ययन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशित हुआ। येउंग और टीम के अन्य सदस्यों ने एलएचबी का विस्तार से मानचित्र बनाने के लिए अंतरिक्ष वेधशाला में लगे शक्तिशाली एक्स-रे टेलीस्कोप का उपयोग किया। यह टेलीस्कोप पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर संचालित होता है, जिससे इसे एक्स-रे आकाश का एक अनूठा नजारा मिलता है। इस गुत्थी को समझने से पहले हमें हमारे सौरमंडल की स्थिति को समझना होगा। बता दें कि हमारी गैलेक्सी मिल्की वे आकार का है। यह असीमित है। इसमें हमारा सौरमंड़ल महज 3 प्रकाशवर्ष लंबा चौड़ा है। इसकी मोटाई केवल 0.5 प्रकाशवर्ष है। वहीं इसके सबसे पास का तारा प्रॉक्सिमा सेंचुरी 4.25 प्रकाशवर्ष की दूरी पर मौजूद है। यह तारा सेंटॉरस तारामंडल के दक्षिणी हिस्से में मौजूद है। वहीं गुफा के बनने की प्रक्रिया की बात करें तो लाखों साल पहले, सुपरनोवा विस्फोटों के कारण एक अनोखा और कम घनत्व वाला बुलबुला बना था। जिसे लोकल हॉट बबल कहा जाता है। इस बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि इसी से इस संरचना का निर्माण हुआ था। हमारा सौर मंडल इस गुफा के अंदर स्थित है। यह कम से कम 1,000 प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ है। इसका तापमान दस लाख डिग्री है, लेकिन चूंकि इसके परमाणु बहुत कम हैं इसलिए गर्मी इसके अंदर रहने वाली हर चीज को प्रभावित नहीं करती है। बता दें कि स्पेस में सुरंग से जुड़ी अवधारणा वॉर्महोल को तस्वीर से आती है। वॉर्महोल हमारे ब्रह्मांड में दो दूर के बिंदुओं के बीच एक सुरंग की तरह है। यह एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक यात्रा के समय को कम करता है। एक आकाशगंगा से दूसरी आकाशगंगा तक कई लाखों सालों तक यात्रा करने के बजाय, वर्महोल का उपयोग करके यात्रा के समय को कम किया जा सकता है। अब देखना ये है कि क्या खोजी गई अंतरतराकीय सुरंग वॉर्महोल की तरह काम करती हैं या नहीं।
Rajneesh kumar tiwari