नई दिल्ली। स्पेन में 3000 साल पुराने खजाने को लेकर चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। जांच में पता चला है कि इसकी धातुएं पृथ्वी से बाहर की हैं। इसे एलियन मेटल यानी बाहरी दुनिया का खजाना कहा जा रहा है। इसमें 59 सोने की परत चढ़ी वस्तुएं शामिल हैं। ये लाखों साल पुरानी बताई जा रही हैं। दुनियाभर में जब भी किसी खजाने की खोज होती है तो उसके साथ ही कई अन्य राज भी बाहर आते हैं। ये वो राज होते हैं जो हजारों सालों से धरती में दबे होते हैं। अब स्पेन के विलेना में भी अनोखे खजाने का मामला सामने आया है। सालों पहले मिले इस खजाने के शोध के दौरान कई बातें सामने आई हैं। इसे तीन हजार साल पुराना बताया जा रहा है। सबसे खास बात ये है कि इस खजाने में कुछ ऐसी चीजें भी मिली हैं जो हमारे ग्रह की नहीं हैं। इसमें कुछ कलाकृतियां ऐसी हैं जिनमें उल्कापिंडों का लोहा इस्तेमाल किया गया है। जो लाखों साल पुराने हैं। विलेना में मिले खजाने पर वैज्ञानिक पिछले काफी सयम से रिसर्च कर रहे हैं। इसी रिसर्च में पता चला है कि इस खजाने में करीब 59 सोने की परत चढ़ी चीजें मिलीं हैं। इसमें एक छोटा खोखला गोला और एक कंगन की तरह दिखने वाली आकृतियां शामिल हैं। इन्हें देखने में लगता है कि ये लोहे से बनाई गई हैं। वैज्ञानिकों के लिए हैरानी वाली बात यह है कि इसका निर्माण जिस समय किया गया था उस समय लोहे की खोज हुई ही नहीं थी तो ये चीजें कैसे तैयार की गई। रिसर्च में ये भी पता चला कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले लोहे के विपरीत, कलाकृतियों में निकल की मात्रा बहुत अधिक है। यह उल्कापिंड लोहे का एक स्पष्ट संकेत है। इससे पता चलता है कि ये चीजें अन्य खजानों की तरह लगभग 1400 और 1200 ईसा पूर्व के बीच बनाई गई थीं। रिसर्चर्स का मानना है कि ये वही उल्कापिंडीय धातु है, जिसे ब्राह्मांड का अवशेष कहा जा सकता है। ये उल्कापिंड करीब 10 लाख साल पहले धरती से टकराया होगा। वहीं कई वैज्ञानिक इसे एलियन का खजाना भी बता रहे हैं इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि 10 लाख साल पहले इंसान यह काम नहीं कर सकता है। यह काम केवल एलियन ही कर सकता है। रिसर्च में बताया गया कि हजारों साल पहले उल्कापिंड धरती पर गिरते थे। 1400 साल पहले उल्कापिंड के मेटल का इस्तेमाल कर सजाने की वस्तुएं तैयार कराई जाती थी। इसमें गहने आदि वस्तुएं शामिल थी। ये मेटल पथरीले उल्कापिंडों के बीच पाया जाता थ। जिसमें कोबाल्ट की मात्रा भी काफी ज्यादा होती थी। जिस खजाने को लेकर अभी खुलासा हो रहा है, उसकी आर्कियोलॉजिस्ट जोस मारिया सोलर ने दिसंबर 1963 में खोज की थी। यह खजना उस समय उनको मिला था जब वे एक नदी की खुदाई कर रहे थे। इस दौरान जो खजाना मिला था उसमें ज्यादातर हिस्सा सोने से बना हुआ था. इसमें कई कटोरे, बोतल और कंगन जैसी चीजें शामिल थीं।
Rajneesh kumar tiwari