जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। सहारा के रेगिस्तान में तूफान से चमत्कार हो गया है। इस रेगिस्तान में इतनी बारिश हो गई की झीलें बन गर्इं। बारिश से यह बंजर रेगिस्तान हरा-भरा स्वर्ग बन गया। लोग इसे कयामत की निशानी मान रहे हैं। नासा ने एक दुर्लभ तस्वीर कैप्चर किए जाने का दावा किया है। स्पेस एजेंसी के मुताबिक, हाल ही में एक सैटेलाइट कैमरे में जरिए सहारा मरूस्थल में बारिश छवि कैद हुई है। यही नहीं नासा ने दावा किया है कि तस्वीर में सहारा के अंदर हरियाली की भी झलक देखी गई है। सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण में कहा गया है कि 7 और 8 सितंबर को उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में उष्णकटिबंधीय चक्रवात के बाद सहारा में पौधों को उगते हुए देखा गया। मोरक्को सरकार ने कहा कि सितंबर में कई क्षेत्रों में दो दिन के भीतर ही वार्षिक औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई। यहां सालाना औसतन 250 मिलीमीटर से कम बारिश होती है। राजधानी रबात से लगभग 450 किलोमीटर दक्षिण में स्थित एक गांव टैगौनाइट में 24 घंटे की अवधि में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। सहारा के रेगिस्तानी समुदायों को देखने के लिए मोटरगाड़ियों में आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अद्भुत नजारा बन चुका है। यहां की रेत के टीलों तथा ताड़ के पेड़ों के आसपास बनी झीलों को देखकर उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। मोरक्को के मौसम विज्ञान महानिदेशालय के हाउसिन यूआबेब ने कहा कि पिछले 30 से 50 सालों में पहली बार इतने कम समय में इतनी ज्यादा बारिश हुई है। यूआबेब ने कहा कि ऐसी बारिश, जिसे मौसम विज्ञानी एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान कह रहे हैं। वास्तव में आने वाले महीनों और वर्षों में क्षेत्र के मौसम की दिशा बदल सकती है। हवा अधिक नमी बरकरार रखती है, जिससे अधिक वाष्पीकरण होता है और अधिक तूफान आते हैं। बता दें कि कई सालों से सूखे ने मोरक्को के अधिकांश हिस्सों के लिए चुनौतियां पैदा कर दी हैं। जिससे किसानों को खेत खाली छोड़ने और शहरों और गांवों को पानी की खपत सीमित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस भारी बारिश से रेगिस्तान के नीचे स्थित बड़े भूजल भंडारों को फिर से भरने में मदद मिलेगी जिन पर रेगिस्तानी समुदाय पानी की आपूर्ति के लिए निर्भर रहते हैं । स्पेस एजेंसी नासा की पृथ्वी वेधशाला ने कई तस्वीरें साझा की है। मौसम अपडेट के अनुसार मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया और लीबिया के क्षेत्र में शायद ही कभी बारिश होती है। अब यहां हरे रंग के निशान दिखाई दे रहे हैं। कोलंबिया क्लाइमेट स्कूल में जलवायु परिवर्तनशीलता शोधकर्ता सिल्विया ट्रजास्का ने इस बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि नदी तल जैसे निचले इलाकों में झाड़ियां और पेड़ उग रहे हैं। वुड्स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन के अध्यक्ष पीटर डी मेनोकल ने कहा कि हालांकि यह दुर्लभ है। अफ्रीका के इस हिस्से में पौधे भारी बारिश की घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया करते हैं। जब पर्याप्त वर्षा होती है, तो टीले थोड़े समय के लिए हरे-भरे परिदृश्य में बदल जाते हैं क्योंकि पौधे नमी पाते ही हरे भरे हो जाते हैं। रिसर्च में मुताबिक सहारा कभी हरा भरा हुआ करता था। कई रिसर्च के मुताबिक, सहारा 11,000 से 5,000 साल पहले वनस्पति और झीलों से ढका हुआ था। जेरूसलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के पृथ्वी विज्ञान संस्थान के व्याख्याता मोशे आर्मोन ने भी इस आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आमतौर पर सूखी रहने वाली झीलें भी हाल में हुई बारिश के कारण भर रही हैं। नासा के उपग्रहों ने दिखाया कि जगोरा और टाटा के बीच एक प्रसिद्ध झील इरिकि झील में तेजी से पानी भर रहा है जो 50 वर्षों से सूखी पड़ी थी।
Rajneesh kumar tiwari