जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अगस्त का महीना भी धरती के लिए खतरों से खाली नहीं है। 27,274 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से एक उल्कापिंड धरती की ओर आ रहा है। नासा ने इसको लेकर चेतावनी भी जारी है। जिसमें कहा गया है अगर यह उल्कापिंड पृथ्वी पर गिरता है तो एक बड़ी तबाही आ सकती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक एस्टेरायड को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। नासा के अनुसार यह लगातार पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। यह एस्टेरायड 150 फुट चौड़ा है। इसका नाम 2024 एनएस-1 है। पृथ्वी की ओर इसके आने की स्पीड 27,274 किमी प्रति घंटे हैं। यह लगभग एक हवाई जहाज के आकार का है। 2 अगस्त को यह पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचेगा। एस्टेरायड 2024 एनएस1 को अपोलो एस्टेरायड के रूप में वगीर्कृत किया गया है। यह निकट-पृथ्वी वस्तुओं यानी एनईओ के समूह का एक हिस्सा है। इसकी कक्षाएं पृथ्वी के पथ को पार करती हैं। नासा ने बताया कि एनईओ के एस्टेरायड्स अक्सर पृथ्वी के निकट आते रहते हैं। इस बार ध्यान रखना जरूरी है कि इनमें से कुछ बेहद डरावने भी होते हैं। ये पृथ्वी पर प्राकृतिक तबाही मचा सकते हैं। इस घटना के अलावा नासा को महत्वपूर्ण चिंता है कि अगर इस एस्टेरायड का पृथ्वी से टकराव होता है तो इससे आने वाली तबाही इसके आकार, गति और स्थान पर निर्भर करेगी। अगर यह किसी रिहायशी इलाके के ऊपर गिरा तो बेहद भयानक परिणाम सामने आएंगे। वहीं अगर यह किसी मैदान या समुद्र के आसपास गिरा तो कम नुकसान होगा। छोटे से बड़े एस्टेरायड्स की टकराव खतरनाक हो सकता है। नास ने कहा कि 150 फुट का एस्टेरायड संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और चोट देने की क्षमता रखता है। यह जलवायु परिवर्तन और सुनामी जैसी घटनाओं का कारण भी बन सकता है। नासा ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं। फिलहाल इसकी ट्रैजेक्टरी में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। यह पृथ्वी पर आने से पहले 20 लाख किमी की दूरी तय करेगा। बता दें कि नासा का सेंटर फार नियर अर्थ आब्जेक्ट स्टडीज सभी निकट-पृथ्वी वस्तुओं की निगरानी करता है। कोई भी संभावित खतरा पैदा होने से पहले एजेंसी एलर्ट जारी करती है। इसके अलावा उल्कापिंड को नष्ट करने के प्रयास तेज किए जाते हैं। इस बार भी आशा जताई जा रही है कि इसके धरती से टकराने से पहले इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा।
Rajneesh kumar tiwari