जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। जुलाई महीने में आसमान से धरती की ओर कई मुसीबतें आ रही हैं। नासा ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इस महीने 10 से 12 विशाल एस्टेरायड धरती की ओर तेजी से आ रहे हैं। नासा ने इसकी लिस्ट जारी की है। वहीं आज भी बड़ा एस्टेरायड धरती के पास से गुजरने वाला है। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार आज 200 वर्ग मीटर की साइज वाला एस्टेरायड तेजी से धरती की ओर आ रहा है। नासा के वैज्ञानिक इसकी लगातार निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने इसको लेकर चेतावनी भी जारी की है। नासा के वैज्ञानिकों ने आज पृथ्वी की ओर आ रहे एस्टेरायड को ‘एस्टेरायड 2024 बीवाई 15’ नाम दिया है। नासा ने संभावना जताई है कि यह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। इस पर नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा के अलावा अन्य स्पेस एजेंसियों की भी नजर है। बता दें कि 1 जुलाई से अब तक करीब चार एस्टेरायड धरती के आस-पास से गुजर चुके हैं। चार दिन पहले ही धरती के करीब से एस्टेरायड 2024 एमटी-1 भी गुजरा था। यह स्टैच्यू आफ लिबर्टी जितना बड़ा था। ये विशाल एस्टेरायड 65,215 किमी/घंटा की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ा था। इसका व्यास लगभग 260 फीट था। ये धरती से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरा था। नासा की शाखा सेंटर फार नियर अर्थ आब्जेक्ट स्टडीज यानी सीएनईओएस के अनुसार इस महीने कई सारे एस्टेरायड धरती के पास से गुजरने वाले हैं। इन सभी एस्टेरायड पर नासा ने पैनी नजर रखी हुई है। बता दें कि सीएनईओएस पृथ्वी के पास गुजरने वाले एस्टेरायड पर नजर रखता है। उनकी गति, पृथ्वी से उनकी निकटता की भविष्यवाणी करता है। इससे उनसे पैदा होने वाले किसी भी संभावित खतरे का आकलन किया जा सके। सीएनईओएस के अनुसार 23 जुलाई को 2024 एनएच पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। 23 जुलाई को ही 2024 एलवाई 2 भी पृथ्वी के आसपास से गुजरेगा। 25 जुलाई को 2011 एमडब्ल्यू 1 के पृथ्वी के टकराने की आशंका है। साथ ही 25 जुलाई को ही 2024 एनवी1 पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। इसके अलावा 26 जुलाई को दो एस्टेरायड पृथ्वी के करीब से गुजरेंगे। इनके नाम 2024 एमएच1 और 2011 एएम 24 है। वहीं 28 जुलाई को भी खतरनाक एस्टेरायड धरती के करीब से गुजरेगा। इसका नाम 52,3664 (2012 ओडी1) है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह इसलिए खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह रास्ता बदल सकता है। वहीं बढ़ रहे एस्टेरायड के बारे में जानकारी देते हुए नासा ने 12 जुलाई 2038 की तारीख को लेकर डरावनी चेतावनी भी दी है। इसी तरह इसरो ने भी 13 अप्रैल 2029 को लेकर बड़ी बात कही है जिसके बारे में हम अगली स्टोरी में बताएंगे। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि एस्टेरायड क्या होते हैं उनकी संख्या क्यों बढ़ रही है। बता दें कि हमारे सौर मंडल पर कई सारे एस्टेरायड घूमते रहते हैं। यह ज्यादातर मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट पर पाए जाते हैं। ये ग्रहों और तारों का टूटा हुआ हिस्सा होते हैं। एस्टेरायड का पृथ्वी से टकराना बेहद ही खतरनाक हो सकता है। इससे होने वाला नुकसान इसके साइज पर निर्भर होती है। कहाजाता है कि 66 मिलियन साल पहले एक विशाल एस्टेरायड धरती से टकराया था। जिसके कारण डायनासोर विलुप्त हो गए थे।
Rajneesh kumar tiwari