जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हैरी पाटर के फैंस को खुश कर दिया है। उन्होंने फिल्म में दिखाए गए हरे रंग के सांप सालाजर स्लिथेरिन की फोटो शेयर की है। यह सांप दुनिया के खतरनाक जहरीले सांपों में से एक है। कई लोगों ने फिल्म हैरी पाटर देखी होगी। इस फिल्म का नाम उपन्यास सीरीज के एक चरित्र के नाम पर रखा गया है। यह विशेष तरह का सांप है। अब असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में सालाजार पिट वाइपर मिला है। बता दें कि पिट वाइपर काफी जहरीला और दुर्लभ प्रजाति का सांप है। जिसे प्रसिद्ध शेव द स्नेक सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्रसेन कश्यप ने कार्बेट लैंडस्केप से लगते आबादी वाले क्षेत्र से रेस्क्यू किया है। वहीं, कार्बेट क्षेत्र में इस सांप की मौजूदगी देख पार्क प्रशासन गदगद नजर आ रहा है। यह सांप जिसको काट लेता है वह पानी भी नहीं मांगता है। यानी इसका जहर इंसान को कुछ ही सेकंड में मौत की नींद सुला देता है। यह अपनी आंख और नाक के बीच हीट-सेंसिंग पिट अंग की वजह से पहचाना जाता है। असम सीएम हेमंत विस्वा सरमा ने इसकी तस्वीरें शेयर की हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि क्या प्रकृति अद्भुत नहीं है? उन्होंने बताया कि इस सप्ताह की शुरूआत में असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सालाजार पिट वाइपर पाया गया है। बता दें कि काजीरंगा नेशनल पार्क में हर मौसम में नई प्रजातियों के जीवों की खोज होती है। यह पिट वाइपर राजमार्ग पर दिखाई दिया था। लगातार बढ़ते जैव प्रजातियों की वजह से काजीरंगा नेशनल पार्क एक शानदार पर्यटन स्थल में बदलता जा रहा है। यहां 24 से अधिक उभयचर और 74 से ज्यादा सांपों-छिपकलियों की प्रजातियां रहती हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क घास के मैदानों, दलदलों, बाढ़ के मैदानों और खड़ी ढलानों के अनोखे बनावट वाला जंगल है। 1,307 वर्ग मीटर में फैले इस नेशनल पार्क में स्तनधारियों, पक्षियों, उभयचरों और सरीसृपों आदर्श निवास स्थान है। इसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण वन्यजीव पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। इसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी माना गया है। सालाजार पिट वाइपर काजीरंगा में खोजी गई नई प्रजाति है। इसका शरीर चमकीला हरा है। सिर पर लाल-नारंगी धारियां हैं। इससे पहले इस प्रजाति को अरुणाचल प्रदेश में देखा गया था। सालाजार स्लिथेरिन से मिलता-जुलता होने के नाते इसका नाम सालाजार पिट वाइपर रखा गया। पूर्वोत्तर राज्य में एक साल से कम समय में यह सरीसृपों की पांचवीं प्रजाति खोजी गई है। इसकी अधिकतम लंबाई 1.60 फीट तक होती है। दिखने भले ही ये सांप रंग का हैं लेकिन शरीर पर लाल, नारंगी, पीले और गोल्ड कलर की मार्किंग है। इस सांप की प्रजातियों के सिर गहरे हरे रंग का होता है। इसकी खोज के बारे में बेंगलुरु के नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी ने अपने लेख में प्रकाशित भी किया है।
Rajneesh kumar tiwari