जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। डीआरडीओ और नौसेना ने मिलकर बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारत ने अपनी पहली नेवल एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल तकनीक से हाइपरसोनिक मिसाइल की रफ्तार से दुश्मन के जहाजों और उनकी पनडुब्बियों पर हमला किया जा सकेगा। वहीं यह एंटी शिप मिसाइल लॉन्च के बाद भी अपना टार्गेट बदलने में सक्षम है। हर ताकतवर देश की ताकत के पीछ उसके हथियार होते है। चुनौतियों को देखकर साइंटिस्ट रिसर्च करते है और घातक हथियारों का निर्माण करते हैं। इन दिनों चीन को इस बात का घमंड है कि तकनीक के मामले में उससे बेहतर कोई नहीं। अब भारत आए दिन नई तकनीक लांच कर उसका घमंड तोड़ देता है। डीआरडीओ पिछले कई दशकों से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जुटा हुआ है। अब मेक इन इंडिया अभियान के तहत बड़ी कामयाबी मिली है। डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने पहली नौसैनिक एंटी-शिप मिसाइल का सफल परिक्षण करने में कामयाबी हासिल की है। रक्षामंत्रालय ने बयान जारी कर के इसका एलान किया। बयान में कहा गया कि चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से मिसाइल का सफल फ्लाइट ट्रायल किया गया। इस मिलाइल का नाम नेवल एंटी-शिप मिसाइल है। बयान में यह भी कहा गया कि इन परीक्षणों से मिसाइल की क्षमता साबित हो चुकी है। भारतीय नौसेना के सीकिंग हेलीकॉप्टर से संमदर में स्थित एक जहाज पर इस मिसाइल को दागा गया। मिसाइल की सबसे खास बात यह है कि यह मैन-इन-लूप फीचर से लैस है। बता दें कि इस फीचर के द्वारा पायलट मिसाइल को उड़ान के दौरान कंट्रोल कर सकता है। साथ ही रीटार्गेट कर सकता है। मिसाइल में लगे वीडियों कैमरे से लाइव फीड देख कर अपने टार्गेट को चुन सकता है। साथ ही पायलट जिस टार्गेट को चाहे उसको निशाना बना सकता है। इस परिक्षण में भी ऐसा ही हुआ है। मिसाइल को बेयरिंग-ओनली लॉक-आन आफ्टर लॉन्च मोड में लॉन्च किया गया। इसमें कई टार्गेट में से एक टार्गेट को लॉक किया गया। टर्मिनल फेज के दौरान पायलट ने एक छोटे छिपे हुए टार्गेच को चुना और पिन प्वाइंट पर सटीकता से हिट किया। यह मिसाइल में स्वदेशी फाइबर आॅप्टिक जाइरोस्कोप-आधारित रेडियो अल्टीमीटर का इस्तेमाल किया गया। नेविगेशन के लिए इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम भी लगा है। यह एक नेविगेशन का सबसे पुरानी पद्धति है। बता दें कि पुराने समय में समुद्र में जहाजों को नेविगेट करने के लिए इसका प्रयोग होता था। इससे सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर मिसाइल को रोकने का प्रयास किया गया तो मिसाइल अपने टार्गेट तक पहुंचने से पहले रास्ता बदल लेती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और नौसेना को बधाई दी। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह अपनी तरह की पहली नेवल एंटी शिप मिसाइल है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस मिसाइल की क्षमता ने यह साबित किया है कि यह किसी भी दुश्मन की जहाजी ताकत को तबाह करने में सक्षम है। एनएएसएम-एसआर मिसाइल भारतीय नौसेना के बेड़े में एक मजबूत हथियार के रूप में जुड़ने के लिए तैयार है। वहीं डीआरडीओ ने सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि परीक्षणों से मिसाइल की मैन-इन-लूप फीचर्स में महारत हासिल की गई है।
Rajneesh kumar tiwari