जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जैसा किसी न देखा और न सुना था। अमेरिकी राष्ट्रपति से तीखी नोकझोक के बाद व्हाइट हाउस से किसी देश के राष्ट्रपति बेइज्जत करके निकाला गया। यह नोकझोक किसी और के बीच नहीं बल्कि राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच हुई। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बहस के बाद व्हाइट हाउस से बाहर निकाल दिया गया। दोनों नेताओं के बीच करीब 10 मिनट तक तीखी बहस हुई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि बहस के बाद यूक्रेन के डेलिगेट्स ओवल आफिस से निकलकर दूसरे कमरे में चले गए थे। अमेरिकी टीम वहीं रुकी रही। इस दौरान ट्रम्प ने उपराष्ट्रपति जेंडी वेंस, विदेश मंत्री रुबियो और एनएसए माइक वाल्ट्ज से बातचीत की। बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने जेलेंस्की से साफ तौर पर कहा कि अगर वे शांति नहीं चाहते तो व्हाइट हाउस से बाहर चले जाएं। ट्रम्प ने दावा किया कि पुतिन शांति के लिए काफी गंभीर हैं। यूक्रेन की मदद बंद करने के सवाल पर ट्रम्प ने कहा कि अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अब वे तभी बातचीत करेंगे जब जेलेंस्की इस जंग को वाकई में खत्म करना चाहते हों। चर्चा के दौरान ट्रम्प ने कहा कि वे जेलेंस्की से बातचीत की हालत में नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने माइक वाल्ट्ज और रुबियो से कहा कि वे जाकर खुद जेलेंस्की को कह दें कि उनके जाने का वक्त हो गया है। ये दोनों अधिकारी वहां पहुंचे तो जेलेंस्की ने उनसे कहा कि वे चीजों को ठीक कर सकते हैं। जेलेंस्की ने फिर से ट्रम्प के साथ बातचीत करने की इच्छा जाहिर की। उन्हें यह मौका नहीं दिया। दोनों नेताओं की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होने वाली थी जिसे रद्द कर दिया गया। ट्रम्प और जेलेंस्की के बीच जब बहस हो रही थी तब अमेरिका में यूक्रेन की राजदूत ओक्साना चिंतित दिख रही थीं। वे माथे पर हाथ रखे थीं। जेलेंस्की ने ट्रम्प से बहस के बाद उनसे माफी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल जाती वे किसी पीस डील में शामिल नहीं होंगे। जेलेंस्की ने कहा कि वे ट्रम्प का सम्मान करते हैं लेकिन उन्होंने कुछ बुरा नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा यह बहस दोनों के लिए अच्छी नहीं रही। लेकिन ट्रम्प को यह समझने की जरूरत है कि यूक्रेन, रूस को लेकर अपना रवैया एक दिन में नहीं बदल सकता। जेलेंस्की ने कहा कि वे चाहते हैं कि ट्रम्प इस बहस के बाद भी यूक्रेन के लिए ज्यादा समर्थन दिखाएं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन एक साझेदार के तौर पर कभी भी अमेरिका को खोना नहीं चाहता। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन तब तक रूस के साथ पीस डील में शामिल नहीं होगा जब तक कि उसे सुरक्षा की पूरी गारंटी नहीं मिल जाती। इस बीच यूरोप के कई नेताओं ने जेलेंस्की के प्रति अपना समर्थन जताया है। इसमें नॉर्वे, नीदरलैंड, पोलैंड, यूरोपीय यूनियन जर्मनी इसमें शामिल है। ब्रिटेन जैसे यूरोपीय देशों के अलावा कनाडा और आस्ट्रेलिया ने भी जेलेंस्की के लिए समर्थन जताया है।
Rajneesh kumar tiwari