जनप्रवाद ब्यूरो, नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश भी पाकिस्तान की तरह कंगाल होने लगा है। हालात यह है कि न कैश है और न ही लोगों की कमाई। निवेश में 71 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आने से बेरोजगारी भी चरम पर पहुंच चुकी है। इससे वहां के लोग खाने-पीने को मोहताज हो चुके हैं। इसके पीछे मोहम्मद युनुस की खराब नीतियां हैं। बांग्लादेश भी अब पाकिस्तान की राह पर चल पड़ा है। वह दिन दूर नहीं जब यहां भी भिखारियों की संख्या सबसे ज्यादा होगी। बांग्लादेश में भी अब पाकिस्तान जैसी कंगाली छाने लगी है। इसकी वजह खुद मोहम्मद यूनुस हैं। है। उनकी गलत नीतियों के कारण देश की जनता त्रस्त हो चुकी है। बांग्लादेश के शासक अपने ही फैसलों में फंस गए हैं। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा कि बांग्लादेश को आर्थिक संकट से कैसे उबारा जाए। अगर हालात ऐसे ही रहे तो जल्द पाकिस्तान की तरह ही बांग्लादेश की आवाम भी दाने-दाने को मोहताज हो जाएगी। अराजकता भरे माहौल और पाकिस्तान के साथ प्रगाड़ होते संबंधों के कारण विदेशी निवेशक अब बांग्लादेश में निवेश करने से कतराने लगे हैं। इससे बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। हर ओर बांग्लादेश में हाहाकार मचा है। रमजान महीने में खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने का बुरा असर साफ दिख रहा है। मोहम्मद यूनुस से बांग्लादेश संभलता नहीं दिख रहा है। सूत्रों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस को लगातार झटके मिल रहे हैं। यूएसआईडी के बाद अब स्विट्जरलैंड ने भी बांग्लादेश को दान देना बंद कर दिया है। पिछले छह महीनों में विदेशी निवेश में 71 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। इससे महंगाई दर 10.72 प्रतिशत पहुंच चुकी है। बाकी चीजों की महंगाई दर 9.32 फीसदी है। बांग्लादेश की बुरी स्थिति का अंदाजा इसी से लगाइए कि सरकार ने नोट छापना बंद कर दिया है। इसके कारण बाजार में नकदी का संकट गहरा गया है। लोगों के पास पैसे नहीं हैं। मोहम्मद यूनुस के पास इससे उबरने का कोई प्लान नहीं है। उनका पूरा फोकस केवल भारत विरोधी गतिविधियों पर है। यही वजह है कि अह मोहम्मद यूनुस के खिलाफ बांग्लादेश में आवाज बुलंद होने लगी है। खुद आर्मी चीफ भी उन्हें चेतावनी दे चुके हैं। दूसरी ओर मोहम्मद यूनुस की एक और मुसीबत बढ़ गई है। बांग्लादेश में छात्रों द्वारा गठित नई राजनीतिक पार्टी जतिया नागोरिक पार्टी ने देश के लिए नए संविधान की मांग की है। पार्टी के संयोजक, मोहम्मद नाहिद इस्लाम ने कहा कि पुराने संविधान और शासन ढांचे के साथ एक नए बांग्लादेश का निर्माण संभव नहीं है। इस्लाम ने कहा कि सिर्फ सरकार बदलने से कुछ नहीं होगा। लोगों के कल्याण और सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए, हमें शासन संरचना और संविधान में सुधार करना होगा। इससे ही हम न्याय, समानता और लोकतंत्र सुनिश्चित कर पाएंगे।
Rajneesh kumar tiwari