नई दिल्ली। लद्दाख में भारत और चीन के बीच बनी सहमति को भले ही सकारात्मक कदम माना जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि दोनों देशों के बीच एलएसी पर विवाद खत्म हो गया है। खासकर पूर्वोत्तर के इलाके में सबसे ज्यादा विवाद है। इससे निपटने के लिए भारतीय सेना ने जो तैयारी की अब वहां परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। भारत-चीन के बीच बनी सहमति के बाद डेपसांग और डेमचोक में दोनों देशों की शांतिपूर्ण पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है। बावजूद इसके पूर्वोत्तर का इलाका अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है। इस इलाके में चीन भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से भारत से आगे है। इसके अलावा, पूरे एलएसी पर कई ऐसी जगह हैं जहां अब भी विवाद बना हुआ है। इसमें तवांग के पास यांगत्से, फिश टेल 1, फिश टेल 2 जैसे कई इलाके शामिल हैं। फिलहाल अभी यहां शांति बनी हुई है, लेकिन यह कब तक रहेगी, कहना मुश्किल है। अब एलएसी पर किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना ने कमर कस ली है। इसके लिए तीनों सेनाएं एक बड़ा सैन्य अभ्यास करने जा रही हैं। इस अभ्यास का नाम ट्राई सर्विस रखा गया है। जो 10 नवंबर से 18 नवंबर तक चलेगा। इस अभ्यास में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच पहाड़ी इलाके में समन्वय, तालमेल से लड़ाई लड़ने के तरीके को धार दिया जाएगा। इस अभ्यास को थलसेना लीड कर रही है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस अभ्यास के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों के कई मिलेट्री बेस, एयर बेस और एएलजी यानी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड को एक्टिव किया गया है। पूर्वी सेक्टर में तैनात थल सेना के सभी घटक जिसमें स्पेशल फोर्स, इंफैंट्री, एम-777 आर्टेलरी गन, यूएवी और आर्मी एविएशन के हैलीकॉप्टर शामिल होंगे। इसके अलावा, अभ्सास में इस बार स्वार्म ड्रोन, फर्सट पर्सन ड्रोन और लॉयट्रिंग एम्यूनेशन जैसे आधुनिक उपकरणों को भी शामिल किया गया है। वहीं वायुसेना की तरफ से फाइटर जेट राफेल, फाइटर एयरक्राफ्ट सुखोई, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस, हैवी लिफ्ट हैलीकॉप्टर चिनूक, मीडियम लिफ्ट हैलीकॉप्टर एमआई-17, एडवांस लाइट हैलीकॉप्टर ध्रुव और चीता हैलीकॉप्टर शामिल हो रहे हैं। हैलिकॉप्टर के जरिए स्पेशल फोर्स को कॉम्बेट जोन में उतारना और युद्ध के दौरान किसी सैनिक के घायल होने की स्थिति में रेस्क्यू का अभ्यास दोहराया जाएगा। नौसेना की तरफ से दुनिया के सबसे बेहतर लंबी दूरी का रेंकोनेन्स विमान पी8आई शामिल हो रहा है। यह अभ्यास पूर्वी सेक्टर में भारतीय सीमाओं की रक्षा के लिए तीनों अंगों को तैयार रहने का एक ट्रेलर है।
Arun kumar baranwal